E – Invoice Portal in Hindi : भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने GST की चोरी रोकने के मकसद से ई – इनवॉइस पोर्टल लांच किया है। इस पोर्टल के जरिये अब पूरे देश में e – invoice की व्यवस्था लागू कर दी गयी है।
ई इनवॉइस पोर्टल की शुरूआत करने के पीछे सरकार की मंशा व्यापारियों के द्धारा की जा रही जीएसटी की चोरी करने के प्रयासों पर लगाम कसना है। इस नये सिस्टम के लांच हो जाने के बाद E – Invoice जारी न करने पर माल रास्ते में ही सीज किया जा सकता है।
अब सालाना 20 करोड़ रूपये के टर्नओवर वाले कारोबार व व्यापारी ई-इनवॉइस सिस्टम के दायरे में आयेंगें क्योंकि सरकार ने 20 करोड़ रूपये के सालाना टर्न ओवर वाले व्यापारियों के लिये E – Invoice Portal Registration अनिवार्य कर दिया है।
दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम आपको Invoice Portal Registration | e-invoice portal login | GST – e – Invoice | gst e invoice portal | e invoice 1 | e invoice limit | ई इनवॉइस पोर्टल रजिस्ट्रेशन आदि के बारे में Step by Step जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं।
Table of Contents
E – Invoice Portal क्या है – ई – इनवॉइस पोर्टल इन हिंदी 2023
E Invoice Portal Kya Hai : ई – इनवॉइस पोर्टल पर Invoice System के तहत माल की सप्लाई रसीद को जीएसटीएन नेटवर्क के द्धारा प्रमाणित किया जाता है। ई – इनवॉइस प्रणाली पूरी तरह जीएसटी के अधीन काम करती है। ई – इनवॉइस पोर्टल के जरिये जारी होने वाली हर रसीद को विशिष्ट पहचान संख्या जारी की जाती है।
इस विशिष्ट पहचान संख्या अथवा विशिष्ट नंबर को जीएसटी प्रणाली के इलेक्ट्रिानिक मोड में सत्यापित भी किया जा सकता है। इस पूरी प्रक्रिया को E – Invoice Under GST के रूप में भी जाना जाता है।
ई – इनवॉइस पोर्टल पर केवल माल की सप्लाई से संबंधित रसीदों को जारी करने संबंधी काम को किया जाता है। चूंकि अब यह सिस्टम सालाना 20 करोड़ रूपये के टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिये अनिवार्य हो चुका है। इसलिये अब उन्हें Invoice Portal Registration करना होगा। जिसकी प्रक्रिया हम आपको पोस्ट के निचले हिस्से में बतायेंगें।
क्या Invoice Portal के अलावा GST पोर्टल पर भी ई इनवॉइस जारी की जाती हैं
जी नहीं, जीएसटी पोर्टल पर ई-इनवॉइस जारी करने की कोई व्यवस्था मौजूद नहीं है। जीएसटी पोर्टल पर ट्रेफिक लोड न बढ़े इसलिये सरकार ने इनवॉइस के लिये अलग से Invoice Portal लांच किया है। इसी पोर्टल के जरिये सभी प्रकार की इनवॉइस जारी किये जायेंगें।
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E – Invoice Portal के लाभ क्या हैं
- Benefits of E – Invoice Portal 2023
- इस पोर्टल के जरिये कारोबारियों को एक समान मानक मिलेंगें।
- यह पोर्टल जीएसटी पोर्टल को स्वत: रिपोर्टिंग करता है।
- इस पोर्टल के जरिये ई-वे बिल अपने आप जेनरेट हो जाते हैं।
- अनुपालन का कम भार पड़ता है।
- इनवॉइस पोर्टल के जरिये प्रतिलेखन संबंधी गलतियों में कमी दर्ज की जा सकेगी।
- सभी इनवॉइस का निर्बाध हस्तांतरण हो सकेगा।
- स्वत: पॉपुलेटेड जीएसटी की अवधारणा संभव हुई है।
- नये Invoice System के आने के बाद कागजी कार्यवाही में कमी आयेगी।
E – Invoice Portal का मुख्य उद्देश्य क्या है
ई – इनवॉइस पोर्टल का मुख्य उद्देश्य भारतीय व्यापार को सरल बनाना व जीएसटी चोरी पर लगाम कसना है। यह पोर्टल सरल व्यापार व्यवस्था की दिशा में एक बड़ा कदम है।
ई – इनवॉइस पोर्टल के अनिवार्य तत्व क्या हैं
पिछले किसी भी वित्तीय वर्ष में 20 करोड़ रूपये से अधिक के सकल वार्षिक टर्नओवर वाले करदाताओं (शर्तें लागू) के लिये माल अथवा सेवाओं अथवा दोनों की B2B आपूर्ति अथवा निर्यात के लिये ई – इनवॉइस बनाना अनिवार्य है। लेकिन कुछ विनिर्दिष्ट श्रेणीं के करदाताओं को छोड़ कर यह प्रणाली सभी पर लागू होती है।
ई – इनवॉइस पोर्टल व ई-इनवॉइस सिस्टम से संबंधित जरूरी गाइडलाइंस क्या है
यदि आप E – Invoice Portal तथा E – Invoice Pdf Guidelines डाउनलोड करके पढ़ना चाहते हैं, तो आपको अधिसूचना संख्या – 13/2020 – केंद्रीय कर दिनांक 21/03/2022 (समय समय पर यथा संशोधित) , अंतिम संशोधित अधिसूचना संख्या 1/2022 – केंद्रीय कर दिनांक 24/02/2022 को Download करके पढ़ना होगा।
इसे आप ई –इनवॉइस पोर्टल के जरिये डाउनलोड करके सेव कर सकते हैं तथा समय समय पर पढ़ कर जानकारी हासिल कर सकते हैं।
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ई इनवॉइस सिस्टम हमारी किस प्रकार सहायता करता है
रसीदें सबसे पहले ERP / Accounting Software के जरिये तैयार होती हैं। इसके बाद इन्हें Invoce Registration Portal पर Electronic Authentication के लिये Upload किया जाता है।
जिसके बाद ई इनवॉइस प्रणाली इन रसीदों से संबंधित पूरी Details को जीएसटी पोर्टल तथा ई – वे बिल पोर्टल के साथ साझा करता है। नतीजा यह होता है कि कारोबारी को GSTR-1 भरने के लिये अलग से Entry करने की जरूरत नहीं पड़ती है। पूरा काम सरलता पूर्वक हो जाता है। साथ ही साथ E – Way Bill का Part-1 भी अपने आप Fill हो जाता है।
ई – इनवाइस किन मामलों में लागू होती हैं
ई – इनवॉइस केवल 2 पक्षों में होने वाले व्यापार के मामलों में ही लागू होता है। इस प्रणाली का प्रयोग सामान अथवा सेवा दोनों प्रकार की सप्लाई में किया जा सकता है। B2B लेनदेन इस सिस्टम के लिये मान्य होते हैं।
E – Invoice Turnover Limit क्या है
- वर्तमान में 20 करोड़ रूपये के सालाना टर्नओवर वाले कारोबार अथवा कंपनियों के लिये इस व्यवस्था को लागू किया गया है।
- इससे पहले यह लिमिट 50 करोड़ रूपये की सालाना टर्नओवर पर थी।
- 1 जनवरी 2021 में 100 करोड़ रूपये से अधिक के टर्नओवर के लिये ई इनवॉइस अनिवार्य की गयी थी।
- 1 अक्तूबर 2020 को 500 करोड़ रूपये से अधिक का टर्न ओवर वाले कारोबारियों के लिये E – Invoice Portal पर Registration करके ई – इनवॉइस को अनिवार्य किया गया था।
क्या ई – इनवॉइस निकालने का तरीका E – Way Bill जेनरेट करने जैसा होता है?
जिस प्रकार हम ई-वे बिल पोर्टल पर बिल जेनरेट करते हैं, इनवॉइस सिस्टम भी ठीक उसी तरह काम करता है। इनवॉइस पोर्टल पर हम लगभग उसी तरह इनवॉइस निकाल सकते हैं, जैसे ई –वे बिल निकालते हैं।
Invoice Portal Registration कैसे करें
Invoice Portal Registration Process in Hindi : यदि आप सालाना 20 करोड़ रूपये की टर्नओवर लिमिट के दायरे में आने वाले कारोबारी हैं और अब आपको ई-इनवॉइस पोर्टल पर पंजीकरण कराने की आवश्यक्ता महसूस हो रही है।
तो आप नीचे दिये गये तरीके को फॉलो करके इनवॉइस पोर्टल पर पंजीकरण करा सकते हैं। इसकी जानकारी आपको स्टेप बाई स्टेप दी जा रही है।
ऊपर दिये गये Link पर Click करते ही आप Goods and Service Tax के e – Invoice System के वेब पोर्टल के Home Page पर पहुंच जाते हैं।
- यहां आपको ऊपर की ओर Menu Bar में Registration का एक Option दिखाई देगा।
- इस पर माउस कर्सर ले जाते ही आपको यहां 2 Option दिखाई देंगें, जो इस प्रकार होंगें 1- Portal Login 2- e-invoice enablement
- आपको यहां सबसे पहले पोर्टल लॉगिन पर क्लिक करना है।
- इतना करते ही आपके सामने एक नया पेज e-Invoice Registration Form खुलेगा।
- इस फार्म में आपको GSTIN Number इंटर करना है।
- इसके बाद कैप्चा कोड इंटर करके Go बटन पर Click करें।
- इतना करते ही ई इनवॉइस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन फार्म खुल जाता है।
- अब आपको इस फार्म में पूछी गयी जानकारियों को सही सही Fill करना है और फिर अंत में फार्म को सबमिट कर देना है।
- इतना करते ही आपका Invoice Portal Registration Process पूरा हो जाता है।
- हमें उम्मीद है की आप सभी को समझ आ गया होगा की E- Invoice Portal पर Registration Online कैसे करे!
Helpline Number for E – Invoice Portal
Invoice Portal Helpline Number – 1800 – 103 – 4786
ई – Invoice Portal Issue की ऑनलाइन शिकायत दर्ज कैसे करें
यदि आपको B2B लेनदेन से संबंधित रसीदें अपलोड करने अथवा कोई अन्य Issue / Error का सामना करना पड़ रहा है, तो आप अपने Issue की शिकायत ऑनलाइन मोड में पोर्टल पर दर्ज करा सकते हैं।
आप ऊपर दिये गये लिंक पर क्लिक करते ही Self Service System के तहत https://selfservice.gstsystem.in/ के पेज पर पहुंच जाते हैं।
यहां आप Report Issue के ऑप्शन पर Click करें।
इतना करते ही एक नया पेज खुलता है। यहां आप Advanced Search के बटन पर Click करें।
अब आपको कैटेगरी सेक्शन में ई-इनवॉइस को ड्रॉप डाउन करके Select करना है।
Next Page खुलते ही आपको No, I want to Lodge my complaint क्लिक करना है।
अब आपको फार्म के इस हिस्से में अपनी शिकायत दर्ज करती है तथा प्रूफ के रूप में जरूरी दस्तावेज संलंग्न करने हैं, इसके बाद आपको Form Submit कर देना है।
इतना करते ही आपकी ई – इनवॉइस पोर्टल से संबंधित Issue/Error की शिकायत ऑनलाइन दर्ज हो जायेगी।
FAQ – e – Invoice Portal से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 2023
ई इनवॉइस क्या है?
कारोबारी सप्लाई के लिये GST नेटवर्क के invoice portal के जरिये इलेक्ट्रिानिक तरीके को फॉलो करते एक विशिष्ट नंबर प्राप्त करते हैं। यही नंबर ई – इनवॉइस के रूप में जाना जाता है।
क्या TAX Free माल अथवा सर्विस की सप्लाई करने पर ई –इनवॉइस जरूरी होगी?
यदि कारोबारी Tax Free माल अथवा सर्विस की सप्लाई B2B के तहत करते हैं, तो ई-इनवॉइस की जरूरत नहीं होगी। लेकिन यदि किसी रसीद में एक वस्तु टैक्स फ्री तथा दूसरी टैक्स के अंतर्गत आ रही है तो इनवॉइस जारी करना जरूरी होगा।
E – Invoice Portal का लाभ क्या है?
ई – इनवॉइस सिस्टम के अंतर्गत जो ट्रांजेक्शन रिपोर्टिंग होती है, उससे ई-वे बिल जारी भी जारी किये जा सकते हैं। GST रिटर्न में यह Data Auto Fill होकर आता है। इससे B2B लेन देन की पूरी चेन बन जाती है। इस प्रकार यह सिस्टम फेक इनवॉइस जारी होने पर रोक लगाने में भी कारगर साबित हो रहा है।
यदि कारोबारी ई – इनवॉइस पोर्टल के जरिये Invoice जारी न करे तो क्या कार्यवाही हो सकती है?
यदि कारोबारी जानबूझ कर ई इनवॉइस पोर्टल के जरिये Invoice जारी नहीं कर रहा है, तो उस पर धारा 122 (1) (i) के अनुसार करदाता जो माल सप्लाई कर रहा है और इनवॉइस जारी नहीं कर रहा है अथवा झूठा इनवॉइस जारी करवा रहा है, तो उस पर TAX की राशि के बराबर पेनॉल्टी अथवा 10 हजार रूपये की पेनॉल्टी लगाई जा सकती है। साथ ही परिवहन के रास्ते में धारा 129 के तहत माल को सीज करने की कार्रवाही भी संभव है।
निष्कर्ष
तो दोस्तों यह थी हमारी आज की पोस्ट [पंजीकरण] E – Invoice Portal Kaise Kare – einvoice Portal Login Kaise Kare यदि आप इनवॉइस क्या है से संबंधित कोई अन्य प्रश्न पूछना चाहते हैं, तो आप हमसें कमेंट बॉक्स के जरिये पूछ सकते हैं हमारी टीम आपकी हर सवालों का जवाब देने की कोशिश करेंगे ।
महत्वपूर्ण जानकारी दी।
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